डाबर लोहासव के फायदे2022 | dabur lohasava syrup benefits in hindi | lohasava syrup uses in hindi

डाबर लोहासव के फायदे | लोहासव बनाने की विधि | लोहासव सिरप के बारे में | dabur lohasava syrup benefits in hindi | lohasava syrup uses in hindi | lohasava syrup ke fayde | lohasava syrup ke fayde in hindi | lohasava uses in hindi | dabur lohasava syrup price 

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में देखेंगे डाबर लोहासव के फायदे (dabur lohasava syrup benefits in hindi )क्या है | 

इसके बनाने की विधि क्या है | कौन -कौन सी कंपनी और इस दवा को बनाती है | डाबर लोहासव सिरप का उपयोग लोग आयरन की मात्रा ,को बढ़ाने के लिए प्रयोग करते है | यह शरीर में खून की कमी को दूर करता है | इसके अलावा यह ह्रदय ,त्वचा रोग ,और लिवर से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है | 

इसमें आयरन की मात्रा बहुत पायी जाती है | जिससे यह प्लीहा रोग में बहुत लाभकारी सिद्ध होता है | आयुर्वेद में डाबर लोहासव को टॉनिक के रूप में प्रयोग किया जाता है | 

डाबर लोहासव सिरप क्या है | what is lohasava syrup in hindi 

डाबर लोहासव को आयुर्वेद टॉनिक के रूप में प्रयोग करते है | इसमें एल्कोहल की मात्रा 4 %से 12 %तक होती है | इसके सेवन से भूख खुलकर लगने लगता है | पाचन शक्ति सुधर जाती है | पाण्डु ,गुल्म ,सूजन ,अरुचि ,संग्रहणी ,जीर्णज्वर ,दमा ,क्षय रोग ,उदर रोग ,तिल्ली रोग ,यकृत रोग ठीक होने लगते है | 

लोहासव के घटक कौन -कौन से है | 

  • लोहे का बुरादा 
  • सोंठ 
  • मिर्च 
  • पीपल 
  • आँवला 
  • हर्रे 
  • बहेड़ा 
  • अजवायन 
  • वायविडंग 
  • नागरमोथा 
  • चित्रकूट 
  • धाय के फूल 
  • शहद 
  • गुड़ 

लोहासव बनाने की विधि | 

लोहासव बनाने के लिए इसके जितने भी घटक द्रव्य है | जैसे लोहे के बुरादा ,सोंठ ,मिर्च ,पीपल ,आँवला ,हर्रे ,बहेड़ा ,अजवायन ,वायविडंग ,नागरमोथा ,चित्रकूट ,प्रत्येक को 16 -16 तोला लेकर ,धाय का फूल 1 सेर ,शहद (अगर न हो तो पुराना गुड़ ले )3 छटाँक 1 तोला ,गुड़ 5 सेर और जल 25 सेर ,8 तोला लेकर उसमें गुड़ और शहद मिला दे तथा कूटने योग्य चीजों को मोटा कूटकर सबको घृत से चिकने किये हुए पात्र में भरकर ,सन्धान करके 1 माह तक रहने दे ,बाद में तैयार हो जाने पर छानकर रख ले | 

Note –लोहासव में लौहचूर्ण के स्थान पर लौहभस्म डाला जाय ,तो विशेष उत्तम बनता है | लौहभस्म को प्रथम हर्रे के के क्वाथ में भिगों दे | फिर तीन दिन पश्चात उसमें आँवला और बहेड़ा का चूर्ण और मिला दे | 

इसके चार दिन बाद इस मिश्रण को आसव के पात्र में डालना चाहिए | इस क्रिया से लौहभस्म आसव में विलीन हो जाती है | 

Note –1 तोला =11. 66 ग्राम 

1 सेर =933 ग्राम 

1 छटाँक =58 ग्राम 

लोहासव के गुण और उपयोग | 

यह पाण्डु ,गुल्म ,सूजन ,अरुचि ,संग्रहणी ,जीर्णज्वर ,दमा ,कास ,क्षय ,उदर ,अर्श ,कुष्ठ ,कण्डू ,तिल्ली और प्लीहा की विकृति को नष्ट करता है | 

जीर्णज्वर अथवा अधिक दिन तक मलेरिया ज्वर आने से यकृत या प्लीहा की वृद्धि होने पर इस आसव का प्रयोग किया जाता है | इसमें आसव का प्रयोग किया जाता है | इसमें ज्वर की गर्मी अथवा ज्वर बराबर बना रहना या दूसरे -तीसरे दिन ज्वर हो जाना ,कुछ देर तक रहकर ज्वर का वेग कम हो जाना ,बुखार चढ़ना ,भूख की कमी ,रस रक्तादि धातुओं के क्षीण हो जाने के कारण शरीर पाण्डु वर्ण का हो जाना ,मुँह और हाथ पैर में कुछ -कुछ सफेदी और सूजन दिखाई देना तथा दस्त में कब्ज आदि के लक्षण होते है | ऐसी हालत में यह आसव बहुत शीघ्र अपना प्रभाव दिखाता है | 

पाण्डुरोग –जब रक्ताणुओं की कमी के कारण शरीर पीला हो जाता है ,तब कब्जियत ,कमजोरी ,किसी काम में मन न लगना ,अनुत्साहित बना रहना आदि उपद्रव हो जाते है | 

ऐसी दशा में लोहासव के उपयोग से कब्जियत दोष दूर हो जाते है | धीरे -धीरे जलभाग कम होने लगता और सूजन भी कम हो जाती है | 

डाबर लोहासव के फायदे | dabur lohasava syrup benefits in hindi 

  • शरीर में आयरन को बढ़ाने की उत्तम टॉनिक है | 
  • यह एनिमिया को रोकता है और शरीर में खून को बढ़ाता है | 
  • डाबर लोहासव के सेवन से पीलिया रोग में लाभ होता है | 
  • यह शरीर के अंगों में सूजन होने से रोकता है | 
  • मलेरिया ,टायफाइड आदि रोग से छुटकारा होता है | 
  • यह पेट में कीड़े होने से बचाता है | 
  • इसमें आयरन अधिक मात्रा में होने के कारण यह हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद करता है | 
  • यह पाचन को सुधारने के साथ -साथ बवासीर को दूर करने में सहायक होता है | 
  • यह लिवर में होने वाले सूजन को ठीक करता है | 
  • यह कब्ज ,खाँसी ,ह्रदय रोग ,मानसिक चिंता ,चक्कर आना ,हाथ पैर में सूजन ,ल्यूकोरिया ,पेट दर्द ,दमा ,आदि को ठीक करता है | 
  • इसे पढ़े -गठिया रोग के लिए करे निर्गुन्डी तेल का प्रयोग |

लोहासव की खुराक विधि | 

इसको 10 से 20 ml समान मात्रा जल को मिलाकर लेनी चाहिए | 

Note –इसे डॉक्टर के सलाह से ही प्रयोग करे | 

इसे भी पढ़े -मोटापा कैसे कम करें, weight loss tips in hindi

डाबर लोहासव सिरप के नुकसान क्या है | 

इसे ऐसे लोगों को लेने से बचना चाहिए ,जिससे निम्न साइड इफ़ेक्ट दिखते है | 

  • छाती में जलन स्टार्ट हो जाती है | 
  • कब्ज होने लगती हो | 
  • शरीर पर लाल -लाल दाने उभर आते हो | 

डाबर लोहासव शरीर में किस प्रकार से काम करता है | 

इसमें बहुत सारे घटक मिले होते है | जो अलग -अलग प्रकार से कार्य करते है | 

    • लोहे का बुरादा –अगर शरीर में खून की कमी है ,तो यह उसे सुधारने में मदद करता है | 
  • आँवला –इसका प्रयोग लोग पाचन क्रिया को अच्छा करने के लिए करते है | इसके अलावा इसके सेवन से बाल घूघराले हो जाते है | और यह लिवर की समस्या को ठीक कर देता है | 
  • वायविडंग –वायविडंग का प्रयोग त्वचा को सुधारने के लिए लोग करते है | यह कफ और मधुमेह में भी अच्छा काम करता है | 
  • चित्रक –यह पाचन को मजबूत करने में प्रयोग किया जाता है | इसके प्रयोग से यकृत ,प्लीहा ,और मूत्राशय मार्ग से सम्बंधित बीमारियाँ दूर हो जाती है | 

डाबर लोहासव के अलावा और कौन सी ब्रांड इस दवा को बनाती है | 

  • Baidyanath lohasava 
  • patanjali lohasava 
  • dhootapapeshwar lohasava 

लोहासव सिरप की अलग -अलग ब्रांड की price कितनी है | 

  • dabur lohasava syrup price 

450 ml की price 144 रूपया है | 

  • पतंजलि लोहासव price 

450 ml की price 85 रूपया है | 

  • बैद्यनाथ लोहासव price 

450 ml की price 152 रूपया है | 

Note -दुकान से रेट पता करे ,यह बदलता रहता है | 

dabur lohasava syrup faq in hindi 

Que -क्या लोहासव के प्रयोग करने से खून की कमी को पूरा करता है | 

Ans -हाँ 

Que -लोहासव को कितने समय तक लेने से लाभ होता है | 

Ans -इसे 2 से 3 महीने लगातार लेनी चाहिए | लेकिन डॉक्टर के राय से ही प्रयोग करे | 

 

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