अमावतारि रस के लाभ ,नुकसान ,घटक कैसे बनाते है | amavatari ras benefits in hindi | amavatari ras baidyanath benefits | divya amavatari ras | amavatari ras patanjali | amavatari ras side effects | amavatari ras dosage | amavatari ras in hindi
अमावतारि रस क्या होता है |
अमावतारि रस आयुर्वेद में बहुत अच्छी औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है | जैसा की नाम से ही पता चल रहा है अमावतारि अर्थात आम दोष के कारण बहुत सारे रोग शरीर में उत्पन्न हो जाते है | आम का मतलब जिसकी पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है उसके शरीर में दिन प्रतिदिन बहुत सारे रोग उत्पन्न होने लगते है | भोजन सही ढंग से पच नहीं पाता है | पेट साफ नहीं रहता है | अगर आप अमावतारी रस का सेवन प्रतिदिन करते है तो यह शरीर में आम रोग को बनने नहीं देता है | इसमें शुद्ध पारा ,शुद्ध गन्धक और चित्रक मूल की छाल मिली होती है | जो बहुत उपयोगी होती है | आयुर्वेद में इसे रस के रूप में भी जाना जाता है | क्योकि इसमें पारा मिला होता है |
अमावतारी रस के घटक कौन कौन से है | amavatari ras ingredients
- शुद्ध पारा
- शुद्ध गन्धक
- त्रिफला
- चित्रकमूल की छाल
- शुद्ध गूगल
- अरंड का तेल
अमावतारि रस बनाने की विधि क्या है |
अमावतारि रस को बनाने के लिए सबसे पहले शुद्ध पारा 1 तोला ,शुद्ध गन्धक 2 तोला ,त्रिफला 3 तोला ,चित्रकमूल की छाल 4 तोला ,शुद्ध गूगल 5 तोला ले | सबसे पहले पारा और गन्धक को लेकर कज्जली बनावे | जब यह अच्छी तरह से कज्जली बन जाये ,फिर उसमें अन्य दवाओं के चूर्ण तथा शुद्ध गुग्गुल को मिलाकर बारीक पीसकर अरंडी के तेल के साथ खरल करके 2 -2 रत्ती की गोलियाँ बनाकर रख ले और प्रयोग करे लाभ होगा |
Note -1 तोला =11. 66 ग्राम
अमावतारि रस के गुण और उपयोग | amavatari ras patanjali uses in hindi
इस रसायन के सेवन करने से अति प्रबलतम वात -दोष नष्ट हो जाते है | आमवात रोग में जिस समय हाथ पैरों में या सारे बदन में सूजन हो गयी हो ,सुई चुभने जैसे पीड़ा होती हो ,उस समय इस दवा के प्रयोग से अच्छा लाभ होता है | जब तक यह दवा सेवन करे ,तब तक वायु बढ़ाने वाले पदार्थों का सेवन करना छोड़ दे और गरम जल का ही प्रयोग करे | इस दवा के सेवन से आमवात रोग में बहुत उत्तम लाभ होता है | अन्य वात रोंगो में भी यह अच्छा लाभ करता है | जब शरीर में भोजन ग्रहण करने के बाद सही ढंग से पचता नहीं है तो यह अपच होने लगता है | यह सड़ा हुआ भोजन विष की तरह काम करता है | इस रोग को दूर करने के लिए आमवात रस का प्रयोग किया जाता है |
लोगो में अक्सर देखा गया है की जब व्यक्ति 40 से 50 साल का हो जाता है तो उसके अंग जैसे जोड़ो आदि में दर्द की समस्या उठने लगती है | जो की गठियाबाई का रूप भी धारण कर लेता है | इसके लिए अमावतारि रस का सेवन बहुत अच्छा लाभ देता है |
अमावतारि रस के फायदे | amavatari ras benefits in hindi
- इसके सेवन से वात -रोग नष्ट हो जाते है |
- गठिया रोगी इसके प्रयोग से अच्छा लाभ पाते है |
- अगर गैस की मात्रा शरीर में बहुत अधिक बढ़ गई है तो यह बहुत सारे रोगों को जन्म देती है ,इससे शरीर में दर्द ,सूजन ,और सुई जैसी चुभन होने लगती है | आमवात रोग के प्रयोग से यह दूर हो जाता है |
- यह लकवा के रोगी को बहुत अधिक फायदा देता है |
- यह साइटिका में अच्छा काम करता है |
अमावतारि रस सेवन विधि | amavatari ras dosage
1 से 2 गोली सुबह -शाम गरम जल के साथ देना चाहिए अथवा दशमूल या महारास्नादि क्वाथ या अरंड तेल के साथ दे |
Note -चिकित्सक के अनुसार ही दवा ले |
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अमावतारि रस के दुष्प्रभाव |amavatari ras side effects
यह पूर्ण रूप से सुरक्षित औषधि मानी जाती है | इसका गलत प्रभाव नहीं देखा गया है |
अमावतारि रस की कौन कौन कंपनी बनाती है |
- बैद्यनाथ अमावतारि रस
- दिव्य अमावतारि रस (divya amavatari ras )
- डाबर अमावतारि रस
- धूतपापेश्वर अमावतारि रस
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