दाखिल खारिज क्या होता है 2021| दाखिल खारिज के नियम बिहार | online dakhil kharij kaise kare bihar

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दाखिल खारिज क्या होता है | dakhil kharij kya hota hai 

दाखिल का अर्थ होता है –दर्ज करना ,खारिज का अर्थ होता है –खारिज करना या हटा देना | 

अब सवाल उठता है कि ,क्या दाखिल करना तथा क्या खारिज करना तो देखिये जब आप कोई जमीन रजिस्ट्री कराते है तो उसका -विवरण केवल रजिस्ट्री में होता है खतौनी में नहीं | 

अतः खतौनी में पुराने मालिक का नाम हटाना ही खारिज कहलाता है तथा खतौनी में नये मालिक का नाम चढ़ाना ही दाखिल कहलाता है | 

अतः दाखिल खारिज का अर्थ होता है -भूमि के मालिकाना हक में बदलाव को खतौनी में दिखाना | 

दाखिल खारिज कितने प्रकार की होती है | types of dakhil kharij 

दाखिल खारिज दो प्रकार की होती है | 

  • वसीयत या वरासत के बाद दाखिल खारिज | 
  • रजिस्ट्री के बाद दाखिल खारिज | 

दाखिल खारिज के नियम बिहार | online dakhil kharij kaise kare bihar 

  • जमीन की रजिस्ट्री करवाने के एक माह बाद दाखिल खारिज हेतु आवेदन तहसीलदार को देना पड़ता है | 
  • यदि आवदेन देने के बाद कोई अन्य व्यक्ति अवरोध उत्पन्न नहीं करता है तो 1 से 3 माह के भीतर दाखिल खारिज हो जाती है | 
  • यदि कोई अवरोध उत्पन्न करता है तो सर्वप्रथम सम्बंधित मामले की जाँच की जाती है बाद में दाखिल खारिज की जाती है | 
  • भले ही आप रजिस्ट्री करवा ले लेकिन बिना खारिज करवाए ,खतौनी में नाम पुराने मालिक ही दिखेगा चाहे जितना समय बीत गया हो | इसलिए दाखिल खारिज करवाना जरुरी होता है | 
  • दाखिल खारिज जरुरी नहीं है की रजिस्ट्री करवाने के एक माह बाद ही करवाई जाय ,आप एक माह बाद भी ,एक वर्ष ,2 वर्ष ,5 वर्ष बाद करवा सकते है ,लेकिन इसके लिए क्रेता और विक्रेता दोनों को साथ में तहसीलदार के पास उपस्थित होना पड़ेगा | 

जमीन की रजिस्ट्री कैसे की जाती है | 

जब किसी को कोई भूमि वसीयत या वरासत से प्राप्त होती है तब उसके लिए रजिस्ट्री की आवश्यकता नहीं होती है ,लेकिन दाखिल खारिज (mutation )होती है | परन्तु जब कोई भूमि खरीदता है तो भूमि की रजिस्ट्री एवं दाखिल खारिज दोनों होता है | 

रजिस्ट्री का आशय यह है की दोनों पक्षों (क्रेता एवं विक्रेता )के बीच हुए एग्रीमेंट को रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर में दर्ज कराना एवं उसकी ओरिजिनल नकल प्राप्त करना | 

रजिस्ट्री के एक माह के बाद दाखिल खारिज करायी जाती है जिससे भूमि का मालिकाना हक़ में बदलाव हो जाता है | 

इसे पढ़े -वसीयत के नियम क्या होते है| वसीयत कैसे लिखे | वसीयत और विरासत में क्या अन्तर है |

भूमि (प्लाट एवं खेत )की रजिस्ट्री करवाते समय ध्यान देने योग्य बाते | 

  • भूमि का गाटा नंबर लेकर सम्बंधित नक़्शे में मिलान करना चाहिए | 
  • खरीदे गये प्लाट या खेत में वृक्ष ,कुआ ,तालाब ,टूयूबेल आदि है तो उसका भी विवरण रजिस्ट्री में करवाना चाहिए | 
  • भूमि के चारो ओर किसकी भूमि है तथा किस गाटा नंबर या प्लाट नंबर की है इसका भी विवरण करना चाहिए | 
  • भूमि के प्रकार जैसे -काली मिट्टी ,दोमट मिट्टी ,आदि का भी जिक्र करना चाहिए | 
  • यदि खरीददार 2 लोग सम्मलित रूप से है अर्थात साझेदारी से जमीन खरीदी जा रही है तो उसे जमीन की आधी -आधी 2 रजिस्ट्री करानी चाहिए ,क्योकि एक ही रजिस्ट्री में ओरिजनल रजिस्ट्री का कागज एक ही मिलता है | 
  • दोनों पक्षों से कम से कम 2 गवाह होने चाहिए | 

Note 1 -रजिस्ट्री का पैसा उस जमीन के सर्किल रेट पर ही लगता है | सर्किल रेट सरकारी रेट होता है | शहर भूमि का सर्किल रेट ज्यादा होता है ,जबकि गाँव का कम | 

Note 2 -स्टम्प शुल्क भी सर्किल रेट पर ही लगता है बेशक उस जमीन को कम दाम या ज्यादा दाम में खरीदा जाय | जमीन की रजिस्ट्री सब -रजिस्ट्रार करता है | 

इसे भी पढ़े -भारत में जमीन की माप तोल के लिए मात्रक इकाइयां क्या होती है |

बिहार में ऑनलाइन दाखिल खारिज कैसे करे | 

अगर आपका user id और password नहीं बना है तो सबसे पहले register पर क्लिक करके user id और password बना लीजिये | 

  • इसके बाद user id और password डालकर लॉगिन करने पर आपके सामने name ,mobile ,email id ,password ,address ,town city ,district ,state ,pin code देखै देगा | 
  • इसके बाद जहा की जमीन की दाखिल करनी है | वहाँ का जिला और circle चूज करेंगे | इसके बाद apply new mutation पर क्लिक करेंगे | 
  • क्लिक करने के बाद पूरा फॉर्म खुलकर सामने आ जायेगा | अब आपको पुरा फॉर्म अच्छी तरह से भरकर जो दस्तावेज है | उसे pdf फाइल में बदलकर अच्छी तरह से upload कर दे | 

बिहार दाखिल खारिज कैसे देखे | dakhil kharij kaise check kare 

  • सबसे पहले बिहार सरकार की ऑफिसियल वेबसाइट पर आना होगा उसके बाद वहाँ एक ऑप्शन दिखाई देगा | दाखिल ख़ारिज आवदेन की स्थिति चेक करे उस पर क्लिक करना होगा | 

क्लिक करने के बाद एक map दिखाई देगा उसमे अपना जिला चुनना होगा | 

  • जिला चुनने के बाद map में अपना प्रखंड या अंचल चुन लेना होगा | 
  • इसके बाद जिला ,अंचल चुनने के बाद सत्र ,केस नंबर ,डालकर सबमिट करने पर आवेदन की स्थिति का पता चल जायेगा |

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