कुमारी आसव के फायदे, नुकसान, घटक, द्रव्य मात्रा सावधानी | कुमारी आसव के फायदे|Kumari asav ke fayde| Kumaryasava कुमार्यासव | Kumari asava benefits in hindi|Kumaryasava no 1|

कुमारी आसव के फायदे, नुकसान, घटक, द्रव्य मात्रा सावधानी | Kumari asav ke  fayde|  Kumaryasava  कुमार्यासव | Kumari asava benefits in hindi| 

 कुमार्यासव क्या है-What is Kumaryasava in hindi

कुमार्यासव आयुर्वेदिक औषधि के रूप में प्रयोग की जाती है| कुमारी आसव मुख्य रूप से घृतकुमारी का  मिश्रण है|  

कुमार्यासव  शरीर की बहुत सारे रोगों से लड़कर शरीर को स्वस्थ बनाती है| कुमारी आसव के सेवन से शरीर की पाचन शक्ति बहुत मजबूत होती है| इसके  सेवन से  पुराना   बुखार, कमजोरी एवं  शुक्र दोष की समस्या को जड़ से खत्म कर देता है|  kumaryasava के चार नंबर होते हैं| लेकिन आर्टिकल में kumaryasava no 1  के बारे में बताया गया है आर्टिकल को  पूरा पढ़ें|

कुमार्यासव के फायदे |Kumaryasava ke fayde |Kumaryasava  Benefits in hindi|Kumaryasava no 1| 

Kumaryasava  का मानव जीवन में    निम्नलिखित  फायदा है|  जो   दिया गया है|   

  • इसके सेवन से शरीर में वायु नहीं बनता है| एवं पाचन शक्ति बहुत मजबूत हो  जाती  है|
  •  कुमारी आसव के सेवन से पुराना बुखार भी   चला जाता है|
  •    कुमारी आसव के सेवन से कमजोरी ,    उदर रोग में लाभ होता है|
  • शरीर में रक्तपित्त में लाभकारी| 
  •  स्त्रियों में होने वाली मासिक धर्म का ना होना , उसमें लाभकारी|
  •  मूत्र मार्ग में होने वाली समस्या को दूर करता है|
  •  कुमारी आसव पथरी रोग में लाभकारी माना जाता है|
  •  गर्भाशय में होने वाले रोग में लाभकारी|
  •    वात विकार  और बवासीर के समस्त रोग नष्ट  हो जाते हैं|
  •  जुकाम , श्वास,  दमा , खांसी , आदि में लाभकारी| 
  •  यकृत प्लीहा मे लाभकारी |
  • भूख बढ़ाने में लाभकारी|
  •  लीवर सही ढंग से काम करने लगता है| 

Kumaryasava no 1  के घटक  द्रव्य 

Kumaryasava no 1 के घटक द्रव्य निम्नलिखित  प्रकार के है | 

ग्वारपाठा( घृतकुमारी ), लौह चूर्ण ,शहद ,गुड़ (पुराना गुड़ ),सोंठ ,मिर्च ,पीपल ,लौंग ,दालचीनी ,तेजपात ,बड़ी इलायची ,नागकेशर ,धनिया ,रास्ना ,चित्रक ,कुटकी ,देवदारु ,पीपलामूल ,सुपारी ,हल्दी ,वायविंडल ,हरड़ ,मूर्वामुळ ,गजपीपल ,बहेड़ा ,मुनक्का ,आँवला ,दंतीमूल ,पुष्करमूल ,बला ,अतिबला ,कौंच के बीज ,गोखरू ,सौंफ ,हिन्गपत्री ,अकरकरा ,उटंगन बीज ,पुनर्नवा, लोध ,स्वर्ण माक्षिक भस्म | 

Kumaryasava  नंबर१  बनाने की विधि

 इसको बनाने के लिए मुख्य रूप से सबसे पहले अच्छा पका हुआ और रस भरा ग्वारपाठे लेकर आए|  और उसे छोटे-छोटे टुकड़े करके  समान भाग जल मिलाकर   कलईदार   तांबा या पीतल अथवा लोहे की कढ़ाई में डालकर आग पर चढ़ा दे|  फिर   जब उसमें बुलबुले उठने लगे|  तब कुछ समय बाद इसे उतार कर नीचे  रख दे|  ठंडा होने पर इसे  मसल कर  कपड़े से छान ले | 

  • अब  जो रस प्राप्त हुआ  उसमें  लौह भस्म , और स्वर्ण माछिक भस्म को मिलाकर घोल बना दिया जाता है | 
  • और बाकी  बचे सभी घटक द्रव्य को कूटकर -पीसकर उसे भी घोल  बना दिया जाता है |
  • मिश्रण तैयार हो जाने के बाद इसे 1 महीने तक रख दे | 
  • फिर एक महीने के बाद इसका परीक्षण कर लिया जाता है इस प्रकार कुमार्यासव नंबर 1 तैयार हो जाता है|  

 कुमार्यासव की मात्रा (खुराक )| Kumaryasava Dosage in hindi 

kumaryasava  कि खुराक 10 से 20 ml बराबर जल मिलाकर भोजन के बाद करनी चाहिए | http://कुमार्यासव

चेतावनी –किसी भी दवा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले |

kumaryasava use in hindi | कुमार्यासव के उपयोग | kumaryasavake fayade

इसका उपयोग विशेष कर पेट के विकार में बच्चे से लेकर बूढ़े तक सब के लिए किया जाता है | प्रारम्भ में कम मात्रा देनी चाहिए | बाद में अगर व्यक्ति इस दवा को झेल ले रहा है | तो खुराक बढ़ाया जा सकता है | इससे पेट विकार ,शूल ,गुल्मादि रोगों में यदि रोगी बलवान हो तो इसके साथ वज्रचार चूर्ण का भी उपयोग करे | इससे पेट में भी वायु भरने नहीं पाता और रोग में भी बहुत शीघ्र आराम हो जाता है| और खाई पीई सभी चीजे जल्दी हजम हो जाती है | कुमार्यासव यकृत को बल प्रदान करता है ,अतएव ,यकृत -वृद्धि होने पर जब पित्त का स्राव अच्छी तरह होने में बांधा होती है ,तब इसके उपयोग में लाभ होता है | 

कुमार्यासव के दुष्प्रभाव -kumaryasava side effects in hindi

वैसे तो इस दवा की कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है | लेकिन इसे डॉक्टर की देखरेख में लेना चाहिए ,जिससे कोई परेशानी नहीं हो | इस दवा को बेवजह अधिक मात्रा में लेने से पेशाब की नली में सूजन की समस्या पैदा हो सकती है| अतः डॉक्टर की सलाह में दवा लेनी चाहिए | 

सावधानियां -kumaryasava precautions in hindi 

kumaryasava use करने से पहले सावधानियां बरतना बहुत ही आवश्यक है | जो नीचे दिया गया है | अगर शरीर के अंदर कोई रोग पहले से ही मौजूद है | उस अवस्था में डॉक्टर की सलाह अवश्य ले | 

  • महिलाओं को गर्भावस्था में कोई दोष है तो उस अवस्था में डॉक्टर की सलाह पर ही कुमार्यासव का प्रयोग करना चाहिए | 
  • अगर आपको किसी नशे की आदत है और कुमारी आसव का प्रयोग करना चाहते है तो डॉक्टर की सलाह ले | 
  • अगर आप पहले से ही किसी रोग की दवा खा रहे हैं ,और कुमारी आसव का प्रयोग करना चाहते हैं तो डॉक्टर की सलाह ले | 

kumaryasava faq in hindi 

  1. kumaryasava को क्या खाना खाने के पहले ले सकते है ?

उत्तर -अगर इस दवा को खाना -खाने के पहले ले रहे हैं तब पेट में गैस की समस्या हो सकती है | अतः इस दवा को खाने के बाद लेनी चाहिए | 

2 .  क्या कुमार्यासव पथरी में भी काम करता है ?

उत्तर -जी हां दोस्तों मैं आपको बता दू की कुमार्यासव पाचन शक्ति में सुधार के साथ -साथ पथरी में भी सहायता करती है | 

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