गंधक रसायन के फायदे2021 ,उपयोग ,घटक कैसे बनता है | gandhak rasayan benefits in hindi | gandhak rasayan ke fayde |

गंधक रसायन के फायदे ,उपयोग ,घटक कैसे बनता है | gandhak rasayan benefits in hindi | gandhak rasayan ke fayde 

गंधक रसायन क्या है ?gandhak kya hai | 

यह एक एंटीवायरल और एन्टीबैक्ट्रियल औषधि है | किसी भी कारण से दूषित हुए रक्त तथा चर्म को सुधारना है | रक्त की अशुद्धि से इससे आगे जो बनने वाली धातुएँ है ,वे भी शुद्ध नहीं बन पाती तथा वे धीरे -धीरे निर्बल होती चली जाती है | इस रसायन के सेवन से शुद्ध रक्त बनने लगता है और शुद्ध रक्त बनने पर इससे बनने वाली धातुएँ भी शुद्ध तथा पुष्ट होने लगती है ,एवं अशुद्ध रक्त जनित विकार भी नष्ट हो जाते है | 

गंधक रसायन के घटक क्या है ?

  • गाय के दूध से 3 बार शुद्ध किया हुआ गंधक | 
  • दालचीनी 
  • तेजपात 
  • छोटी इलायची 
  • नागकेशर 
  • गिलोय के रस 
  • हर्रे और बहेड़ा 
  • आँवला 
  • सोंठ 
  • भांगरा 
  • अदरक 
  • मिश्री का चूर्ण 

गंधक रसायन को बनाने का तरीका 

सबसे पहले गाय के दूध से 3 बार शुद्ध किया हुआ गंधक 64 तोला ले | उसको पत्थर के खरल में डाल ,दालचीनी ,तेजपात ,छोटी इलायची और नागकेशर इन प्रत्येक को कपड़े से छान चूर्ण के समान भाग में लेकर ,इस चूर्ण को रात में द्विगुणित जल में भिगो दे | सुबह हाथ में मलकर कपड़े से छाने हुए जल से ताजी गिलोय के रस से ,हर्रे और बहेड़े के क्वाथ से ,आँवला ,सोंठ ,भांगरा और अदरक इनके स्वरस से 8 -8 दिन मर्दन कर ,अर्थाथ प्रत्येक जल क्वाथ या स्वरस में 8 -8 दिन भावना दे | 

प्रत्येक भावना में 3 से 6 घंटा मर्दन करके सुखाने के बाद भावना दे | अंत में सुखाकर पीसकर उसमें समान भाग मिश्री का चूर्ण मिलाकर शीशी में भर ले | और प्रयोग करे | 

Note -1 तोला =11. 66 ग्राम 

Gandhak rasayan vati के कार्य 

इसका कार्य दूषित रक्त को शुद्ध करना और चर्म रोग को सुधारना है | 

इसके प्रयोग से स्क्रीन की प्रॉब्लम ठीक हो जाती है | पित्त प्रधान रोगों में इस रसायन का विशेष उपयोग होता है तथा दाह होना ,जलन के साथ पेशाब होना ,हाथ -पैर में जलन होना ,मस्तिष्क के भीतर कण्ठ -जिहवा आदि में जलन होना ,शीतल जल से नहान करने की इच्छा होना या शीतल पदार्थ खाने की इच्छा होना इत्यादि लक्षण पित्त से उत्पन्न होते है | 

ऐसी अवस्था में गंधक रसायन के प्रयोग से ये सब शांत हो जाते है | शरीर में छोटी -छोटी फुंसियाँ होना ,खुजली अधिक होना ,कब्ज हो जाना ,खुजलाने पर थोड़ा बहुत रक्त भी निकल जाना ,ऐसी अवस्था में गंधक रसायन देने से बहुत फायदा होता है | उपदंश ,सूजाक आदि विषाक्त रोगों के पुराने हो जाने पर शरीर में इस रोग के विष व्याप्त हो जाते है | इस विष के प्रभाव से वातवाहिनी नाडिया विकृत हो ,वात -सम्बन्धी अनेक रोग उत्पन्न हो जाते है ,जिससे शरीर के भीतर अवयव कमजोर होकर अपने कार्य करने में असमर्थ हो जाते है | विषेशकर आंते कमजोर हो जाती है | ऐसी अवस्था में पहले स्नेहन बस्ती का प्रयोग करे ,फिर गंधक रसायन का सेवन करावे | 

उपदंश रोग जब पुराना हो जाता है ,तो जोड़ो में सूजन ,मसूड़ों में रक्त आना ,शरीर में कभी -कभी गाँठ पड़ जाना ,कमजोरी विशेष मालूम होना ,हाँथ -पाँव काँपने लगना ,बदन में दर्द होना ,छोटी -छोटी फुंसियाँ निकल आना आदि लक्षण प्रकट होते है | 

इसमें गंधक रसायन के सेवन से अच्छा लाभ होता है | इसी तरह सूजाक जब पुराना हो जाता है ,तो संपूर्ण शरीर में जलन होने लगती है | जैसे -पेशाब करते समय जलन होना ,जननेन्द्रिय को दबाने से दर्द होना ,थोड़ा -थोड़ा मवाद भी निकलना आदि लक्षण होते है | ऐसी अवस्था में गंधक रसायन 4 रत्ती ,प्रवाल पिष्टी 1 रत्ती में मिलाकर सुबह -शाम तथा दोपहर को मधु के साथ मिश्री मिलाकर देने से लाभ होता है | बद्धकोष्ठ में नीम के पंचांग का चूर्ण 1 माशा ,गंधक रसायन 2 रत्ती मिलाकर त्रिफला के क्वाथ के साथ दे | 

खुजली ,कुष्ठ ,तथा छोटी -छोटी फुंसियों के लिए गंधक रसायन शक्कर और घी में मिलाकर दे | धातु विकार में दूध के साथ दे | कच्चा पारा या शरीर में प्रवेश किये हुए किसी धातु के विष या दोष को दूर करने के लिए गंधक रसायन 3 रत्ती आँवले के मुरब्बे के साथ दे | अठारह प्रकार के कुष्ठ विकार ,शीतपित ,दर्द तथा अनेक प्रकार के क्षुद्ररोग भी इसके सेवन से नष्ट हो जाते है | धातुओं को शुद्ध कर बढ़ाने में यह श्रेष्ठ रसायन है | 

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Note -1 रत्ती =121. 50 मिलीग्राम 

1 माशा =972. 00 मिलीग्राम 

गंधक के फायदे | gandhak rasayan benefits in hindi 

  • यह ब्लड को अच्छी तरह से साफ करता है | 
  • इसके सेवन से चर्म रोग ,फोड़ा -फुंसी नहीं होती है | 
  • यह पेशाब की जलन और हाथ पैर की जलन को शांत करता है | 
  • यह शरीर की गाँठो को ठीक करने में मदद करता है | 
  • इसके प्रयोग से कुष्ठ विकार ,शीतपित ,दर्द तथा अनेक प्रकार के क्षुद्ररोग भी नष्ट हो जाते है | 
  • दाँत ,मसूड़ों सम्बन्धी बिमारी में विशेष लाभ होता है | 
  • यह एंटी -वायरल और एंटीबैक्टीरियल होने के कारण शरीर में किसी भी प्रकार की इन्फेक्शन को होने से रोकता है | 
  • यह एंटी पायरेटिक होने के कारण दर्द व सूजन को कम करने में सुरक्षित मानी जाती है | 
  • प्रजनन सम्बन्धी रोगो में लाभ पहुँचाता है | 

गंधक रसायन की मात्रा | gandhak rasayan dosages in hindi 

4 -8 रत्ती सुबह -शाम जल ,दूध ,मंजिष्ठादि -क्वाथ ,महातिक्त वृत्त के कल्क द्रव्यों का क्वाथ या खदारिस्ट के अनुपात से दे लाभ होगा | 

Note -आयुर्वेदिक डॉक्टर से पूछताछ के बाद दवा प्रयोग करे | 

गंधक रसायन के दुष्प्रभाव | gandhak rasayan side -effects in hindi 

  • इसे अपने आप अधिक मात्रा में प्रयोग करने से पेट में मरोड़ की समस्या पैदा हो जाती है | 
  • जरुरत से अधिक प्रयोग करने पर लूज मोशन होता है ,पेट साफ नहीं होता है | 

कौन -कौन सी ब्रांड इस दवा को बनाती है | 

  • पतंजलि 
  • डाबर 
  • झंडू 
  • बैद्यनाथ 
  • तनसुख 
  • ऊँझा 

गंधक रसायन का मूल्य 

  • बैद्यनाथ झाँसी गंधक रसायन online amazon पर | 

91 रुपये 40 tablet का | 

  • डाबर गंधक रसायन 

80 टेबलेट का मूल्य 178 रुपये है | 

  • बैद्यनाथ गंधक रसायन टेबलेट 

40 गोली का मूल्य 85 रुपये है | 

  • Unjha गंधक रसायन 

200 टेबलेट का मूल्य 320 रुपये है ,amazon पर | 

  • तनसुख गंधक रसायन | 

30 ग्राम पेस्ट का मूल्य 185 रुपये है | 

  • Zandu gandhak rasayan tablet 

40 टेबलेट का मूल्य 92 रुपये है | 

Gandhak rasayan faq in hindi 

Que -इसका प्रयोग भोजन के पहले करना चाहिए या बाद में ?

Ans -इसका प्रयोग भोजन के बाद करना अत्यधिक लाभदायक माना जाता है | 

Que -खाली पेट इसको खाना उचित है ?

Ans -डॉक्टर की राय ले | 

Que -क्या गाड़ी चलाने से पहले इसे लेना उचित है ?

Ans -इसे गाड़ी चलाते समय नहीं प्रयोग करना चाहिए | इससे नींद आने की संभावना रहती है | 

Que -क्या इसे अधिक मात्रा में प्रयोग किया जा सकता है ?

Ans -इसको अधिक मात्रा में लेने से लूज मोशन पेट खराब होने की समस्या बढ़ जाती है | 

Que -क्या इसे त्वचा की जलन और खून को साफ करने की अच्छी दवा मानी जाती है ?

Ans -हाँ 

Que -गर्भवती महिलाओं को इस दवा का प्रयोग करना सही है ?

Ans -नहीं प्रयोग करना चाहिए | 

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