धातु रोग क्या है | धातु रोग के लक्षण क्या है | पुराने से पुराने धातु रोग का इलाज कैसे करे | dhat ka ilaj kaise kare in hindi | dhat rog ka ilaj hindi me | dhat rog ki dawa | dhat rog kya hai | dhat treatment in hindi | dhat rog symptoms | dhat rog me parhej
अगर धात रोग की बात करे तो यह एक ऐसी बिमारी है | जिसे लोग बताने से डरते है | लोग शर्मिंदगी महसूस करते है | यह समस्या तब पैदा होती है | जब लोग यौन सम्बन्धी लापरवाही बरतने लगते है |
धात रोग की समस्या लोगों में धीरे -धीरे बढ़ने लगती है | और व्यक्ति के मन में अनाप -सनाप विचार उठने लगते है | वह अपने दिनभर के काम को सही ढंग से नहीं कर पाते है |
उनके दिमाग में यह धारणा बनी रहती है | लेकिन यह एक आम बिमारी है | जो समय के साथ लोगों में देखने को मिलती है | आज के इस लेख में हम यही बतायेगे कि धात रोग क्या होता है | धात रोग के लक्षण क्या है | धात रोग में परहेज क्या -क्या करना चाहिए | और पुराने से पुराने धातु रोग का इलाज कैसे करे | (dhat ka ilaj kaise kare in hindi )तो आइये देखते है |
धात क्या है | dhat rog kya hai |
बिना किसी के साथ यौन सम्बन्ध बनाये वीर्यपात का हो जाना | धात रोग के अंतर्गत आता है | धातु रोग को spermatorrhea कहते है |
कुछ लोगो में यह समस्या देखा गया है कि पेशाब करते समय कुछ मात्रा में शरीर से वीर्य बाहर निकल जाता है | या शौचालय करते समय अधिक जोर से प्रेशर लगाने पर वीर्य बाहर निकल जाता है | इसे आप दो भागों में जान सकते है |
- सपने में वीर्य का निकल जाना |
- बिना सपनें देखें दिन में वीर्य का निकल जाना |
अगर हम किसी डॉक्टर के पास जाते है | तो यह इस रोग को आम रोग बता देता है | और कहता है | यह शरीर के विकास के साथ -साथ होता है | इससे शरीर में थोड़ी सुस्ती और थकावट रहेगी | और इससे बचने के लिए आपको प्रतिदिन व्यायाम ,अभ्यास करना चाहिए |
इस रोग को आपको बहुत ज्यादे गंभीरता से लेने की जरुरत नहीं है | इसके लिए आप कुछ घरेलु उपाय कर सकते है | और खान -पान अच्छा करने से भी यह रोग ठीक हो जाता है |
धात रोग के कारण क्या है | dhatu rog ke kya karan hai
धातु रोग होने के अनेक कारण हो सकते है | जो बताये गये है |
- समय पर आहार न लेना |
- ख़राब पाचन होने के कारण शरीर का कमजोर होने के कारण यह समस्या पैदा हो जाती है |
- अधिक उत्तेजना वाली फिल्में देखने पर यह धीरे -धीरे बार -बार निकलने से अण्डाणु शिथिल हो जाता है |
- अत्यधिक मात्रा में हस्तमैथुन करने के कारण |
- अत्यधिक अश्लील बाते करने के कारण |
- मन एकाग्र न होने के कारण |
- शरीर में पोषक तत्त्व एवं विटामिन की कमी होने के कारण |
- अत्यधिक चिंता करने के कारण यह समस्या पैदा हो जाती है |
- अल्कोहल का सेवन अधिक करने से |
- आंत में कीड़े होने से |
धात रोग के लक्षण | dhatu rog symptoms
यह पुरुषो के साथ -साथ महिलाओं में भी इसके लक्षण को देखने को मिलता है | इसके लक्षण को नीचे बताया गया है |
- शरीर में हमेशा सुस्ती बना रहना |
- दिमाग में चिड़चिड़ापन बना रहना |
- मन की एकाग्रता शक्ति में कमी होना |
- भूख खुलकर न लगना |
- शरीर का कमजोर होना |
- असमय वीर्यपात का होता रहना |
- पेशाब करते समय अचानक वीर्य का निकल जाना |
- अच्छे ढंग से नींद न लगना |
- अचानक चक्कर आना |
- जननांगो में खुजली और जलन होना |
- ह्रदय की धड़कन तेज हो जाना |
- आँख की रोशनी में कमजोरी होने लगना |
- शरीर व पीठ में दर्द का होना |
पुराने से पुराना धातु रोग का इलाज | dhat ka ilaj kaise kare in hindi
अगर आपको बार -बार धातु रोग की समस्या हो रही है | तो इसके इलाज के लिए सबसे पहले डॉक्टर के पास जाये | पहले रोग किस कारण से उत्पन्न हुआ इसका पता लगाना बहुत जरुरी है | कही कोई दवाई के साइड इफ़ेक्ट के कारण तो नहीं हो रहा है |
इससे जुडी सारी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही डॉक्टर बहुत सारे माध्यम से इसका इलाज करते है | आयुर्वेद के माध्यम से ,व्यायाम के माध्यम से ,दवा के माध्यम से आज सारी जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से देखेंगे |
- धातु रोग घरेलू उपचार | dhatu rog gharelu upchar in hindi
- इसका सबसे पहले डॉक्टर से जाँच करवा ले |
- सुबह और शाम को भोजन ग्रहण करते समय सही समय पर भोजन ग्रहण करे |
- शुद्ध आहार लेने का प्रयास करे |
- अल्कोहल आदि के सेवन से बचना चाहिए |
- पेट की पाचन क्रिया हमेशा सही रखे |
- जननांगो को साफ रखे जिससे खुजली न हो और बार -बार छूना न पड़े |
- सुबह सही समय पर प्रतिदिन उठने का प्रयास करे |
- तनाव से मुक्त रहे |
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2 . प्रतिदिन अभ्यास करे |
धातु रोग से बचाव के लिए हमें प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए | इसके लिए मांसपेसियों पर जोर लगाकर प्रतिदिन आधे घण्टे व्यायाम प्रतिदिन करे | इससे धातु रोग ठीक होता है |
3 . गोमुखासन प्रतिदिन करे |
- जमीन पर बैठ करके पैर को सीधे फैलाये |
- अब अपने बाये पैर को उठाकर अपनी दाहिनी जाँघ पर रखे |
- अपनी बाई बाह को पीठ के पीछे रखे |
- अब यही क्रिया दाहिने पैर के साथ करे |
- यह प्रक्रिया प्रतिदिन करे |
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धात गिरने का आयुर्वेदिक उपचार |
- करे अश्वगंधा का प्रयोग |
इसकी गोली को मार्केट से आसानी से प्राप्त कर सकते है | यह वीर्य को गाढ़ा बनाकर शरीर को बलवान बना देता है | यह वीर्य की गुणवत्ता को सुधार देता है | डॉक्टर के अनुसार प्रयोग करे |
- शतावरी का प्रयोग करे |
यह शुक्राणु को बढ़ाने का काम करता है | इससे प्रजनन क्षमता में वृद्धि होती है |
- गोक्षुरा का प्रयोग करे |
इसके प्रयोग से प्रजनन शक्ति में मदद मिलती है | यह सप्लीमेंट के रूप में प्रयोग किया जाता है | इससे धातु रोग की पुष्टि होती है |
- लौकी का जूस प्रयोग करे |
लौकी का जूस धातु रोग को गिरने से रोकने के लिए बहुत उपयोगी है | इससे पेट साफ रहता है | और पाचन क्रिया मजबूत होती है |
- प्रतिदिन सलाद के रूप में प्याज का प्रयोग करे |
प्याज के सलाद के प्रयोग से यह बहुत फायदा करता है | इसको प्रतिदिन सेवन करने से धातु रोग की समस्या कम हो जाती है |
- दूध और केला का प्रयोग करे |
दूध को उबालकर उसमे केले के टुकड़े को काटकर डालकर गर्म करके रात को रख दे सुबह उठकर प्रयोग करे | यह वीर्यपात को ठीक करता है |
- संतुलित आहार का प्रयोग करे |
धातु रोग से बचाव के लिए हमें संतुलित आहार का प्रयोग करना चाहिए | जिससे पाचन क्रिया सही होने के साथ -साथ पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है |
धात रोग की दवा | dhat rog medicine in hindi
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