दशमूल तेल के फायदे | dashmool oil benefits in hindi | dashmool tel ke fayde | dashmool oil ingredients | dashmool oil uses | dashmool oil for hair
आज के समय में बहुत सारे लोग तेल का प्रयोग नहीं करते है | ऐसे में उनके सिर में डैंड्रफ और बाल मजबूत नहीं होते है | लोग तरह तरह के शैम्पू का प्रयोग करते है जिससे कभी कभी एलेर्जी हो जाती है | लेकिन आयुर्वेद में तेलों की बात की जाय तो दशमूल तेल बहुत उपयोगी माना जाता है | इससे वात और कफ भी ठीक होते है |
तो आज के इस आर्टिकल में हम यहीं देखेंगे की कैसे आप दशमूल तेल का प्रयोग कर सकते है |
दशमूल तेल के घटक कौन कौन से है | dashmool oil ingredients
- मूर्छित कडुआ तेल
- दशमूल
- निर्गुन्डी पत्र -स्वरस
दशमूल तेल बनाने की विधि |
सबसे पहले मूर्छित कडुआ तेल 1 सेर 9 छटाँक 3 तोला लें और दशमूल 16 तोला लेकर उसका कल्क बनावे | बाद में दशमूल 1 सेर 9 छटाँक 3 तोला लेकर 12 सेर 12 छटाँक 4 तोला जल में डालकर क्वाथ बनावे | जब चौथाई जल शेष रह जाये ,उसे उतारकर छान ले ,बाद में निर्गुन्डी -पत्र -स्वरस 3 सेर 3 छटाँक 1 तोला और तेल ,कल्क ,क्वाथ सब को कड़ाही में एकत्र मिलाकर तेल विधि से सिद्ध करे |
तेल सिद्ध हो जाने पर इसे उतारकर छान ले और सुरक्षित रख लें |
Note -1 सेर =0. 933 किलो ग्राम
1 छटाँक =58 ग्राम
1 तोला =11. 66 ग्राम
वक्तव्य –परिभाषा के अनुसार द्रव पदार्थों को द्विगुण लिया गया है | निर्गुन्डी -पत्र -स्वरस के अभाव में निर्गुन्डी पत्र या पंचांग 3 सेर 3 छटाँक 1 तोला को 12 सेर 12 छटाँक 4 तोला जल में क्वाथ करें |
चौथाई 3 सेर 3 छटाँक 1 तोला क्वाथ शेष रहने पर छानकर डाले |
दशमूल तेल का उपयोग कैसे करे | dashmool oil uses
इस तेल के मालिश करने से समस्त प्रकार के शिरो रोग एवं वात रोगों से जल्दी लाभ होता है तथा अस्थिगत ,संधिगत और कफ प्रधान नष्ट होते है |
इसके अतरिक्त कान या नाक के दर्द में भी 3 -4 बूँद डालने से अच्छा लाभ होता है |
दशमूल तेल के फायदे | dashmool oil benefits in hindi
- यह वात रोगों से छुटकारा देता हैं |
- इसको सिर पर लगाने से सिर के दर्द ख़त्म हो जाते है |
- यह कफ रोगों से छुटकारा देता है |
- इसमें हानिकारक रसायन नहीं होते है |
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