दशमूल क्वाथ के फायदे2021 ,दुष्प्रभाव ,कैसे बनता है | dashmool kwath benefits in hindi |

दशमूल क्वाथ के फायदे ,दुष्प्रभाव ,कैसे बनता है | dashmool kwath benefits in hindi | 

दशमूल क्वाथ क्या है ?what is dashmool kwath in hindi | 

दशमूल क्वाथ को दशमूल काढ़ा भी कहते है | यह मुख्य रूप से वात और कफ सम्बन्धी रोगो में प्रयोग किया जाता है | यह महिलाओ में होने वाले प्रसूत रोग में बहुत ही लाभकारी है | इसके सेवन से हड्डिया बहुत बलवान हो जाती है | घुटने का दर्द , पीठ का दर्द ,आदि समस्या के लिए दशमूल क्वाथ का प्रयोग किया जाता है | 

अगर आपका मुँह सूख रहा हो और हाथ पैर ठंडा पड़ रहा हो तो ऐसे स्थान पर dashmool kwath का प्रयोग बहुत ही लाभकारी है | 

यह महिलाओं में प्रसव के बाद होने वाली कमजोरी को ठीक करने में सहायक है | 

दशमूल क्वाथ के घटक द्रव्य क्या है ?dashmool kwath ingredients in hindi | 

इसके अनेक घटक द्रव्य है जो नीचे दिए गये है | 

  • छोटी और बड़ी कटेरी का पंचांग 
  • सोनपाठा -छाल 
  • अरणी छाल 
  • पाढ़ 
  • गोखरू का पंचांग या फल 
  • बेलछाल 
  • शालीपर्णी और प्रिंसिपरणी का पंचांग 
  • गंभारी की छाल 

दशमूल क्वाथ को बनाने की विधि 

Divya dashmool kwath को बनाने के लिए ऊपर जितने भी घटक द्रव्य दिए गये है |छोटी और बड़ी कटेरी का पंचाँग ,सोनपाठा छाल ,अरणी छाल ,पाढ़ गोखरू का पंचाँग या फल ,बेलछाल ,शालीपर्णी और प्रिंसिपरणी का पंचांग ,कटेरी का पंचांग ,गंभारी छाल ,इन सबको मिलाकर कूटकर चूर्ण बना ले | और सुरक्षित रख ले | 

दशमूल क्वाथ के गुण और उपयोग | 

Dashmool kwath को वात और कफ सम्बन्धी रोगों के लिए प्रयोग किया जाता है | महिलाओं में प्रसूत रोग के यह बहुत प्रसिद्ध है | 

अगर सिरदर्द की समस्या ,छाती में दर्द ,पसली में दर्द ,हड्डी में दर्द ,घुटनों में दर्द ,खाँसी ,बलगम आदि में बहुत अच्छी दवा मानी जाती है | महिलाओं में प्रसव के बाद ,शरीर में कमजोरी होना ,मुँह सूखना ,और प्यास लगना ,आदि समस्या में दशमूल क्वाथ का प्रयोग किया जाता है | 

महिला बच्चा करने के बाद बहुत सारा दूषित रक्त शरीर से निकलना आवश्यक होता है | नहीं तो यह शरीर में बहुत सारी बिमारी को उत्पन्न करती है | जैसे खून की कमी ,बुखार हो जाना ,पुरे शरीर में दर्द होना ,शरीर में सूजन हो जाना ,आदि समस्या उत्पन्न हो जाती है | जिससे बच्चे पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है | बच्चा बार-बार बिमार होता रहता है | ऐसी स्थिति में दशमूल क्वाथ का सेवन बहुत ही उपयोगी है | 

आयुर्वेद में बताया गया है कि जो महिला बच्चा पैदा करती है | उसको 10 दिन तक दशमूल क्वाथ अवश्य देना चाहिए | क्योकि इससे वह बहुत सारी बिमारियों से लड़ने में सक्षम हो जाता है | 

प्रसूता महिला को बहुत ज्यादे गर्मी वाले उपचार से बचाना चाहिए क्योंकि इससे आँखों में जलन ,मुँह में छाले और दूध ,कम हो जाना जैसी समस्याए पैदा हो जाती है | 

इसे भी पढ़े -गिलोय क्वाथ के फायदे ,नुकसान के बारे में बताये |

दशमूल क्वाथ के फायदे patanjali | dashmool kwath benefits | patanjali dashmool kwath benefits in hindi | 

इसके अनेक फायदे है जो नीचे दिए गए है | 

  • इससे जोड़ो में दर्द ,गठिया की समस्या में लाभ होता है | 
  • महिलाओं में प्रसव के बाद होने वाली कमजोरी और थकान में बहुत लाभकारी है | 
  • महिलाओं में प्रसव के बाद दूषित खून निकालने और स्वस्थ रखने में लाभकारी | 
  • खाँसी ,सर्दी ,जुकाम ,बुखार में उपयोगी | 
  • रक्त को साफ करने में उपयोगी |
  • पाचन तंत्र मजबूत करता है | 
  • सूजन की समस्या को कम करता है | 
  • तनाव की समस्या को कम करता है | 
  • प्यास अधिक मात्रा में लगती है | तो उसको सही करता है | 
  • शरीर में खून की समस्या को ठीक करता है |  

Dashmool kwath सेवन विधि | 

12 ग्राम चूर्ण लेकर उसे 190 ग्राम पानी में डालकर पकाये | जब यह अवशेष 50 ग्राम बचे तब इसे कपड़े से उतारकर छान ले और इसे दे | यह क्वाथ दिनभर में 2 से 3 बार अवश्य ले | 

Note -कोई दवा लेने से पहले डॉक्टर की रॉय अवश्य ले | 

Dashmool kwath दुष्प्रभाव हिंदी 

प्रायः इस दवा का कोई side effect नहीं देखा गया है | लेकिन इसके सेवन से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले | 

दशमूल क्वाथ प्राइस 

  • Dabur dashmool kwath price

450 ml की प्राइस 92 रुपये है | 

  • दशमूल काढ़ा बैद्यनाथ price | 

450 ml की price 175 रुपये है | 

  • पतंजलि दशमूल क्वाथ price | 

100 ग्राम की price 19 रुपये है | 

Note -यह मूल्य लगातार बदलती रहती है | इसलिए shop से रेट पता करे | 

Dashmool kwath faq in hindi | 

Que दशमूल क्वाथ लेते समय क्या परहेज करना चाहिए ?

Ans इसे लेते समय शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए | 

Que इसका सेवन कब तक लगातार करना चाहिए ?

Ans इसका सेवन लगातार 15 दिनों तक करना चाहिए उसके बाद बीच में गैप दे देना चाहिए | बाद में फिर सेवन करना चाहिए | 

 

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