अभयारिष्ट के फायदे2021 ,कैसे बनता है ,घटक द्रव्य ,नुकसान | abhayarishta ke fayde in hindi |

अभयारिष्ट के फायदे,कैसे बनता है ,घटक द्रव्य ,नुकसान | abhayarishta ke fayde in hindi |

अभयारिष्ट क्या है?

यह आयुर्वेद की औषधि में मुख्य रूप से पाचन क्रिया को सुधारने के लिए प्रयोग किया जाता है | यह एक हर्बल दवाई है | कहा जाता है अगर मनुष्य का पाचन तंत्र ठीक है तो शरीर में रोग होने की संभावना कम रहती है | इसी को ठीक करने के लिए abhayarist का उपयोग किया जाता है | अगर आपका पाचन तंत्र बहुत दिनों से खराब है | और दवाई खाकर थक गये है | ऐसी अवस्था में आपको abhayarishta syrup use जरुर करना चाहिए | इसके सेवन से बवासीर और आठ प्रकार के उदर रोग नष्ट होते है|

अभयारिष्ट के घटक द्रव्य क्या है ?abhayarishta ingredients in hindi

इस प्रकार के आसव -अरिष्ट को बनाने के लिए अनेक घटक का प्रयोग किया जाता है |

  • बड़ी हर्रे का छिलका
  • मुनक्का
  • महुए के फूल
  • वायविडंग
  • छोटा गोखरु
  • निसोथ
  • धनिया
  • धाय का फूल
  • इन्द्रायण की जड़
  • चव्य
  • सोंठ
  • दंतीमूल
  • मोचरस

 

अभयारिष्ट बनाने की विधि

abhayaristh  बनाने के लिए ऊपर जितने भी घटक द्रव्य दिए गए है | उसमें से बड़ी हर्रे का छिलका 5 सेर ,मुनक्का 2 सेर ,महुए के फूल 40 तोला ,वायविडंग 40 तोला लेकर एक साथ सबको अच्छी तरह से कुटकर चूर्ण बना ले |

क्वाथ के लिए जल –उपरोक्त चूर्ण को लेकर एक मन 11 सेर ,16 तोला पानी में डालकर पकावे | चौथाई जल शेष रहने पर शीतल कर ,छान ले |

प्रक्षेप –अब छानने के बाद इसमें 8 सेर गुड़ घोल दें | बाद में छोटा गोखरु ,निशोथ ,धनिया ,धाय का फूल ,इन्द्रायण की जड़ ,चव्य ,सोंठ ,दंतीमूल और मोचरस प्रत्येक को 8 -8 तोला लेकर मोटा चूर्ण करके इसमें डाल दे |

सन्धान –किसी चिकने और बड़े बर्तन में डालकर सन्धान कर दे | एक महीने बाद निकालकर छान ले |

अभयारिष्ट के गुण बताइए

रोग और रोगी का बल ,रोग की पाचन शक्ति और कोष्ठ का विचार करके उचित मात्रा में सेवन से बवासीर और आठ प्रकार के उदर रोग नष्ट हो जाते है | यह मल -मूत्र की रूकावट को भी दूर करता है | यह दस्त और पाचन तंत्र सम्बन्धी समस्या और कब्जियत को दूर करता है | इसके अलावा यह सभी प्रकार के बवासीर ,उदर रोग ,मूत्र में समस्या ,यकृत में समस्या ,और हृदय से सम्बन्धित रोगों का नाश करता है |

यह जमालगोटे की तरह दस्तावार नहीं है |जमालगोटे से जो दस्त होता है ,उसमे आंतो की क्रिया निर्बल हो जाती है ,उससे आंतो में पुनः मल -संचय होने लगता है |अभयारिष्ट द्वारा जो दस्त होते है ,उसमे आते कमजोर न होकर सबल बनी रहती है ,जिससे दूषित मल संचय नहीं होता है | इसका उपयोग विशेषकर बवासीर के रोग में किया जाता है | बवासीर बहुत ही परेशान करने वाली बीमारी है | इसमें मस्सों में दर्द बहुत जोर का होता है | इस दर्द को शान्त करने के लिए अर्शकुठार ,बोलबद्ध रस ,कामदुधा रस ,सूरण बटक आदि के सेवन से किसी एक दवा सेवन करने के उपरांत जब दर्द का जोर कम हो ,तब abhayarishta syrup के सेवन बहुत फायदा होता है ,क्योकि बवासीर में दस्त ,कब्ज हो जाना प्रधान लक्षण है | दस्त कब्ज होने के कारण जोर लगाने से और भी दर्द होता है ,उस कब्जियत को यह बहुत शीघ्र दूर कर देता है | साथ में सूजन को भी कम करता है |

बवासीर का संदेह होते ही अथवा प्रारम्भिक अवस्था ही में यदि डाबर अभयारिष्ट या बैद्यनाथ अभयारिष्ट का सेवन करा दिया जाय ,तो यह रोग आगे न बढ़कर वही रुक जायेगा | इसलिए अभयारिष्ट में कुमार्यासव मिलाकर लेने से शीघ्र लाभ होता है | और पाचन शक्ति को मजबूत करता है |

अभयारिष्ट कैसे काम करता है |

  • इसमें ठंडक घटक मिले होने के कारण यह पेट की आग (जलन )को कम करता है |
  • इसके सेवन से आते बहुत मजबूत हो जाती है | जिससे शरीर में दूषित मल इकठ्ठा नहीं होता है |
  • अगर खान -पान सही न हो तो शरीर में कब्ज की समस्या पैदा हो जाती है इसके लिए Abhayarista का सेवन बहुत अच्छी औषधि मानी जाती है |

अभयारिष्ट सिरप के फायदे | abhayarishta ke fayde in hindi |abhayarishta benefits in hindi

इसके सेवन से अनेक फायदे है ,जो नीचे दिया गया है |

  • पाचन शक्ति बहुत मजबूत हो जाती है |
  • शरीर में होने वाले कब्ज को दूर करता है |
  • हृदय से सम्बन्धित होने वाले रोग को दूर करता है |
  • भूख अधिक मात्रा में लगती है |
  • पेट साफ रहता है |
  • आंतो से सम्बन्धित होने वाले रोग को दूर करता है |
  • पेट में कीड़े नहीं बनने देता है |
  • शरीर की थकान को दूर करता है |
  • लिवर से सम्बन्धित बिमारियों को दूर करता है |
  • मूत्र -मार्ग में सुजन को कम करता है |
  • बवासीर से होने वाले मस्सो के दर्द को कम करता है |
  • कब्जियत ,गैस और एसिडिटी से छुटकारा |

अभयारिष्ट की खुराक (मात्रा ) क्या है ?Abhayarishta Dosage in Hindi

इसकी खुराक वयस्क व्यक्ति के लिए 20 ml से लेकर 30 ml के बीच तथा छोटे बच्चो को 5 -10  ml के बीच सुबह -शाम देनी चाहिए |

Note -कोई दवा लेने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले | 

डाबर अभयारिष्ट के नुकसान

आयुर्वेद में हर्बल दवाई के रूप में प्रयोग की जाती है | लेकिन इसका खुराक हमेशा डॉक्टर की रॉय में लेनी चाहिए | चाहे वह डाबर अभयारिष्ट हो या बैद्यनाथ अभयारिष्ट इसे डॉक्टर की गाइड में ले | क्योकि कुछ लोग दवा लेने में लापरवाही से कुछ दुष्प्रभाव हो सकता है |

  • सिरदर्द की समस्या
  • दस्त की समस्या
  • हल्की चक्कर

इसे भी पढ़े -कुमारी आसव के फायदे ,नुकसान क्या है |

अभयारिष्ट सिरप का मूल्य

मार्केट में इसे बहुत सारे कंपनी बनाते है | जिसकी प्राइस नीचे दी गई है |

  1. बैद्यनाथ अभयारिष्ट सिरप प्राइस | 

इसकी price 450 ml की बोतल 145 रुपये के करीब है |

.डाबर अभयारिष्ट price | 

इसकी 450 ml बोतल की प्राइस 131 रुपये है |

3 .दिव्य अभयारिष्ट price |

इसकी 450 ml की बोतल की price 70 रुपये के पास है |

4 .सांडू अभयारिष्ट price | 

450 ml की बोतल 188 रुपये है |

Note -यह मूल्य लगातार बदलती रहती है | इसलिए शॉप से जाकर रेट पता करे | 

 Abhayarishta precautions in hindi

कुछ परिस्थिति में दवा को देने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए |

  • डाइबिटीज के मरीज को |
  • गर्भावस्था में |
  • स्तनपान महिला में |

Abhayarishta Faq

Que -क्या यह महिलाओ के मासिक धर्म को नुकसान पहुंचाता है ?

Ans -नहीं ,यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है |

Que -क्या यह दवा गर्भवती महिलाओ को दिया जा सकता है ?

Ans -गर्भवती महिलाओ को यह दवा देने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले |

Que -इस दवा को भोजन के पहले या बाद में लेना चाहिए ?

Ans -इस दवा में कुछ मात्रा में एल्कोहल मिला होता है | अतः इसे भोजन के बाद हमेशा लेना चाहिए |

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